हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , 13 अबान, यौमुल्लाह के मौके पर पूरे ईरान में शानदार रैलियाँ निकाली गईं जिनमें आम लोगों ने अद्भुत जोश और उत्साह के साथ हिस्सा लिया। राजधानी तेहरान में केंद्रीय जमावड़ा हुआ, जहाँ छात्रों, शिक्षकों, विद्वानों, धार्मिक छात्रों और विभिन्न वर्गों के पुरुषों व महिलाओं ने एक बार फिर वैश्विक अहंकार के खिलाफ अपनी जागरूकता और एकजुटता का प्रदर्शन किया।
इसी तरह खुर्रमाबाद, बंदर अब्बास, सावेह, कोहबोनान, सोंदरेक, मीनाब, बुशहर और यासूज सहित ईरान के अन्य शहरों में भी बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए।
रैलियों में शामिल लोगों ने हाथों में बैनर और प्लेकार्ड लिए हुए थे, जिन पर नारे लिखे थे, "अमेरिका मुर्दाबाद", "इसराइल मुर्दाबाद", "न समझौता, न सरेंडर, अमेरिका से जंग जारी रहेगी"और "परमाणु ऊर्जा हमारा अधिकार है।
प्रतिभागियों ने अपने नारों के जरिए इस्लामी क्रांति के सिद्धांतों और इमाम खामेनेई व क्रांतिकारी नेता आयतुल्लाह सैयद अली खामेनेई के निर्देशों पर पूरी तरह अमल करने के संकल्प का इज़हार किया।
रैलियों के दौरान विभिन्न क्रांतिकारी गीत पेश किए गए, जिन्होंने माहौल को जोश और उत्साह से भर दिया। वक्ताओं ने अपने भाषणों में इस बात पर जोर दिया कि ईरानी राष्ट्र आज भी आत्मनिर्भरता, आज़ादी और प्रतिरोध के रास्ते पर चल रहा है और किसी भी कीमत पर ज़ुल्म और अहंकार के आगे सिर नहीं झुकाएगा।
यह दिन हर साल ईरानी राष्ट्र की ओर से अहंकार के खिलाफ संघर्ष, जागरूकता और आज़ादी के संकल्प के प्रतीक के रूप में जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
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